Ab koi acha bhi lage to Izhar nhi karte
Inscribed words
Even when you are an open book
रजामंदी
बेरुखी कहे या बदतमीजी उनकी
Open Book
Even When you are an open book..
गुफ्तगू
बेरुखी कहे या बदतमीजी उनकी..
Azlat
Lakh karlo Koshish,
kuch na kuch Kami reh hi jati hai
तेरे सर पे उसका हाथ है
वो मंजिलें जो तेरी हैं , तो रास्ता भी तेरा होगा तू गुजरता था अंधेरों से , तू यकीन रख सवेरा होगा तेरा हौंसला बुझायेगी , क्या आंधीयों की औकात है है डर तुझे किस बात का , तेरे सर पे उसका हाथ है….. तू खाक हो तू पाक हो बेखौफ तू बे-बेबाक हो जला […]
Kal Ho Na Ho
भर लूं बाहों में ये वादियां
कही और ये नज़ारा हो न हो