Lakh karlo Koshish,
kuch na kuch Kami reh hi jati hai
तेरे सर पे उसका हाथ है
वो मंजिलें जो तेरी हैं , तो रास्ता भी तेरा होगा तू गुजरता था अंधेरों से , तू यकीन रख सवेरा होगा तेरा हौंसला बुझायेगी , क्या आंधीयों की औकात है है डर तुझे किस बात का , तेरे सर पे उसका हाथ है….. तू खाक हो तू पाक हो बेखौफ तू बे-बेबाक हो जला […]
चप्पल की कीमत
आज सुबह से ही पूरा घर खाने की महक से भर उठा था | नाश्ते में आज सब कुछ बाबू जी की पसंद का बना था, पोहे , आलू के परांठे , घर का बना मक्खन , गरमा-गर्म ख़ीर , साथ में दूध वाली कड़क चाय और फल भी | बहू ने बाबू जी के लिए खाना थाली में परोसा और बाबू जी ने चुप चाप नाश्ता किया और अपना पुराना सा थैला उठाया
कुछ अनकही बातें
कही थी तुमने कुछ बातें
कुछ हमने भी सुनी थी |
Maa Paa
lagti hu mai Maa jesi mujhe sab kehte hai,
soch hai bilkul Papa si ye bhi kehte hai,
Kaash
Pankh hote to udd jate,
dheere dheere uddaan badhate