Lakh karlo Koshish,
kuch na kuch Kami reh hi jati hai
तेरे सर पे उसका हाथ है
वो मंजिलें जो तेरी हैं , तो रास्ता भी तेरा होगा तू गुजरता था अंधेरों से , तू यकीन रख सवेरा होगा तेरा हौंसला बुझायेगी , क्या आंधीयों की औकात है है डर तुझे किस बात का , तेरे सर पे उसका हाथ है….. तू खाक हो तू पाक हो बेखौफ तू बे-बेबाक हो जला […]
Kal Ho Na Ho
भर लूं बाहों में ये वादियां
कही और ये नज़ारा हो न हो
(कोविङ -19 का दौर)
आज गुस्से से ब॑टी बोला,
मैं घूमने जाऊंगा बाजार,
Maa Paa
lagti hu mai Maa jesi mujhe sab kehte hai,
soch hai bilkul Papa si ye bhi kehte hai,