वो मंजिलें जो तेरी हैं , तो रास्ता भी तेरा होगा तू गुजरता था अंधेरों से , तू यकीन रख सवेरा होगा तेरा हौंसला बुझायेगी , क्या आंधीयों की औकात है है डर तुझे किस बात का , तेरे सर पे उसका हाथ है….. तू खाक हो तू पाक हो बेखौफ तू बे-बेबाक हो जला […]
(कोविङ -19 का दौर)
आज गुस्से से ब॑टी बोला,
मैं घूमने जाऊंगा बाजार,
सफलता
सफलता अक्सर संघर्ष के साथी खो देती है ! और दोस्ती को महंगे शौंक में बदल देती है !!