बाबू जी का लाड प्यार

बाबू जी का लाड प्यार

शैली ने फिर तमाम कोशिशें कि उसे पढ़ाने की पर हैरी कहां सुनने वाला था | जैसी ही शैली थोड़ा डांट लगाती | हैरी माँ की शिकायत दादा जी को कर देता | शैली बेचारी अपने बच्चे को बिगड़ता देख मन मार कर रह जाती |  परीक्षा का रिजल्ट आने वाला था | राहुल ने हैरी को रिजल्ट चेक करने को कहा और हैरी बहाने पर बहाने बना रहा था | कभी पानी पीकर करता हूं तो कभी दादा जी का बाजार से कोई सामान लाकर | राहुल ने जब हैरी की यह टालमटोल देखी तो गुस्से से हैरी को लैपटॉप लेकर अपने पास बुलाया |  पिता की गुस्से भरी आवाज से डर कर  हैरी झट से आ गया और साथ ही  मे बाबू जी भी आ गए |  हैरी को रिजल्ट चेक करने के लिए बोला पर यह क्या ! हैरी को तो लैपटॉप में गेम्स के बिना कुछ और चलाना ही नहीं आता था | आएगा भी कैसे | गेम्स के बिना पढ़ाई के लिए तो कभी लैपटॉप खोला ही नहीं गया | नए लैपटॉप की इतनी बुरी हालत देखकर राहुल और गुस्सा हो गया | लैपटॉप की स्क्रीन दबने से उसके रंग खराब हो चुके थे , की-बोर्ड के 2-3  बटन घूम थे और अब हैरी का यह बर्ताव | 

राहुल ने हैरी से लैपटॉप खींचा और खुद रिजल्ट चेक करने लगा और यह क्या हमेशा क्लास में प्रथम आने वाला हैरी इस बार फेल हो गया था | राहुल गुस्से से बेहाल हो रहा था | राहुल ने साथ ही साथ हैरी के 4-5 थप्पड़ लगा दिए | दादा जी राहुल को हटाने लगे कहने लगे “फेल ही तो हुआ है, क्या हुआ ? अगले साल  पास हो जाएगा |  मेरे इकलौते वारिस को पीट-पीट कर मारना है क्या ?”

राहुल अब सब समझ चुका था | हैरी के फेल होने  और उसे बिगड़ने के पीछे किसका हाथ है | उसने हैरी को तब तक  मारा जब तक कि हैरी खुद से नहीं बोला, “पापा आगे से ऐसा नहीं होगा | मैं बहुत मन लगाकर पढ़ाई करूंगा | लैपटॉप पर गेम नहीं खेलूंगा और आपकी और मम्मी की हर बात मानूंगा |

राहुल ने बाबू जी को भी समझाया कि बाबू जी लाड प्यार अपनी जगह है बच्चों का भविष्य अपनी जगह | बच्चों के भविष्य के लिए  बड़ों को  कभी-कभी थोड़ा कठोर होना पड़ता है | आपके लाड प्यार के कारण ही आज यह इतना बिगड़ गया है | ऐसा ही चलता रहा तो बड़ा होकर बिल्कुल ही आवारा हो जाएगा | फिर हो सकता है आपकी बात भी ना सुने | अगर हैरी आपका बारिस है तो हमारा भी तो बेटा है | हम भी उसका भला ही चाहते हैं |

बाबू जी को अपनी गलती का एहसास हो गया था | उनको समझ आ गया था कि लाड प्यार के साथ-साथ बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए समय-समय पर बच्चों को सही रास्ते पर लाना भी जरूरी है | बाबू जी ने शैली से भी अपशब्द बोलने के लिए क्षमा मांगी और हैरी को पढ़ाने की जिम्मेवारी भी ली | अब बाबू जी रोज शाम को हैरी को पढ़ाते और उसे महान वीरों शूरवीरों की कहानियां भी सुनाते | जिसका नतीजा यह हुआ कि हैरी पहले जैसा हैरी नहीं रह गया था | इस बार हैरी पढ़ाई में तो प्रथम नंबर पर आया ही, बल्कि साथ में साहित्य गतिविधियों में भी उसने प्रथम स्थान प्राप्त किया |

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