लॉकडाउन (Lockdown), आवश्य ही इस शब्द को दुनिया के हर देश और देशवासियो ने सुनने के साथ-साथ महसूस भी कर ही लिया होगा| लॉकडाउन का अर्थ है ठहराव यानि की जो यहाँ है उसका वही रहना, चाहे वो इंसान हो या कोई सामान| लॉकडाउन लागू किया गया ताकि कम से कम लोग आपस में संपर्क में आए और कोशिश यही है कि कोरोना नाम की बीमारी जिसको अभी वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) ने माहमारी भी घोषित कर दिया है, कम से कम लोगो में फैले| बहुत से देशो की सरकारों ने अपने देशवासियो के जीवन की रक्षा करने क लिए लॉकडाउन को लागु किया| यकीनन यह कोरोना वायरस (कोविड-19) को रोकने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और कारगर उपाय है| परन्तु क्या लॉकडाउन को लागू करने की नीति सही है ? इसमें कोई दोराय नहीं है कि लॉकडाउन ने हर किसी की जीवन शैली पर बुरा असर डाला है| फिर वो चाहे कोई बहुत बड़ा इंडस्ट्रियलिस्ट हो, मिडिल क्लास व्यापारी हो, कोई प्राइवेट या सरकारी दफ्तर का मुलाज़िम हो या फिर कोई दिहाड़ी मज़दूर, नुक्सान सबका हुआ है, परेशानी भी सबको हो रही है| पर क्या प्रयत्न सबके लिए हो रहे है ? सरकार बहुत बड़े-बड़े दावे कर रही है, विपक्ष भी पूरा जोर लगा कर सरकार के सब प्रयत्नों की निंदा कर रहा है| पर एकजुट हो कर राजनीति को इंसानी जीवन के ऊपर न रख कर, इस लॉकडाउन की भूलभुलैया से बहार कैसे निकला जाए, वो कोई नहीं बता रहा|
रोज टीवी पर जैसे ही न्यूज़ चैनल लगाओ, एक ही बात सुनने को मिलती है कि आज इस जगह इतने मजदूरों की सड़क हादसे मौत, आज इस जगह किसी कारणवश घर लौटे वक़्त कुछ और गरीब लोगो की मौत, कोरोना वायरस किसी का क्या बिगड़ लेगा, करोना से ज्यादा तो लोग भुखमरी से मर रहे है| भारत एक विकासशील देश है जिसमे देश की कुल आमदन का 40% हिस्सा सिर्फ 1% लोगो के पास है, जबकि बचा हुआ 60% हिस्सा देश की बची हुई 99% जनसँख्या के बीच बंटा हुआ है|अगर भारत की इकॉनमी वास्तविक रूप से ही सही करनी है तो यह अनुपात 50%-50% होना अनिवार्य है, अन्यथा कार्ल मार्क्स ने सही ही कहा था कि एक दिन ऐसा आएगा जब गरीब और गरीब होता जायेगा और अमीर और अमीर| जोकि आज के समय पर बहुत ही अनुचित बैठता है|तत्पश्चात मार्क्स ने ये भी कहा कि जब गरीब अत्याधिक रोष में आ जायेगा और अमीरो पर हमला कर खुद का अधिकार प्राप्त करेंगे|
इससे पहले कि कार्ल मार्क्स की भविष्वाणी सत्य हो और मार्क्स क्रांति आए, सरकार को ही चाहिए कि वह देश के हर नागरिक को उसका अधिकार दे अच्छी ज़िन्दगी व्यतीत करने के लिए आवश्यक साधन मुहैया करवाए और भारत फिर से एक बार एक समृद्ध देश बन जाये|
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